हिन्दी सैड शायरी
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें। हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें। मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी। क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं। वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो। वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो। कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको। क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो। मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही। ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही। जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है। मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही। दर्द को दर्द अब होने लगा है। दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है। अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा। क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है। दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे। आँखों से मोती निकलते रहेगे। तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो। हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे। सामने मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना । जो मन मे हो वो ख़्वाब ना तोड़ना । हर कदम पर मिलेगी सफ़लता । बस आसमान छूने के लिए जमीन ना छोड़ना । प्यार में मौत से डरता कोन है । प्यार हो जाता है करता कोन है। आप जैसे यार पर हम तो क्या सारी दुनियां फिदा है। लेकिन हमारी तरह आप प...